नवाचार

शिक्षण को लीक से हटकर रोचकता तथा गुणवत्ता के विकास की दृष्टि से शिक्षण कार्य करने को नवाचार कहा गया है....
आज शिक्षण को नवाचार युंक्त बनाने की चर्चा सर्वत्र चल रही है।
दैनिक शिक्षण में परिवर्तन एवं प्रयोगात्मक शिक्षण को रूचिकर एवं गुणात्मक बनाना ही नवाचार है।

इस प्रकार के बिन्दुओं का उल्लेख किया जा रहा है । जिसके आधार पर नवाचार की शिक्षा से हर व्यक्ति परिचित हो सकता है ।
- नवाचार लीक से हटकर किया गया शैक्षिक कार्य है, जो स्वयं स्वीकार्य है।
- नवाचार की पृष्ठ भूमि जानी, पहचानी तथा अपने अनुभव से जुड़ी होना चाहिए ।
- नवाचार की सुनिष्चत प्रक्रिया हो तथा वह प्रक्रिया कर्ता से ऐसे जुड़े जैसे वह स्वयं के लिए स्वयं द्वारा स्वयं से विकसित पहल है।
- नवाचार विशेष उद्देष्य /उद्देष्यों के पूर्ति का साधन हो।
- नवाचार कर्ता की अनुमति तथा आवष्यकता से सम्बद्ध हो।
- कर्ता अपनी आवश्यकतानुसार उसमें परितर्वन, संर्वधन तथा विकसित करने में समर्थ है।
- अन्य व्यक्तियों द्वारा उसे अपने परिवेष में प्रयोग मेे लाया जा सके।



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