Lesson 16 भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम

Lesson 16 भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम
1-भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम
विकासशील अर्थव्यवस्था और उससे जुड़ी समस्याओं से घिरे होने के बावजूद भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को प्रभावी ढंग से विकसित किया है और उसे अपने तीव्र विकास के लिए इस्तेमाल भी किया है तथा आज विश्व के अन्य देशों को विभिन्न अंतरिक्ष सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। 1960 के दशक के प्रारंभिक वर्षों में अंतरिक्ष अनुसंधान की शुरूआत भारत में मुख्यत: साउंडिंग रॉकेटों की मदद से हुई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना 1969 में की गई। भारत सरकार द्वारा 1972 में अंतरिक्ष आयोग और अंतरिक्ष विभाग के गठन से अंतरिक्ष शोध गतिविधियों को अतिरिक्त गति प्राप्त हुई। इसरो को उसकी वर्ष अंतरिक्ष विभाग के नियंत्रण में रखा गया। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में 70 का दशक प्रयोगात्मक युग था जिस दौरान आर्यभट्ट, भास्कर, रोहिणी तथा एप्पल जैसे प्रयोगात्मक उपग्रह कार्यक्रम चलाए गए। इन कार्यक्रमों की सफलता के बाद 80 का दशक संचालनात्मक युग बना जबकि इनसेट तथा आईआरएस जैसे उपग्रह कार्यक्रम शुरू हुए। आज इनसेट तथा आईआरएस इसरो के प्रमुख कार्यक्रम हैं।
अंतरिक्ष यान के स्वदेश में ही प्रक्षेपण के लिए भारत का मजबूत प्रक्षेपण यान कार्यक्रम है। यह अब इतना परिपक्व हो गया है कि प्रक्षेपण की सेवाएं अन्य देशों को भी उपलब्ध कराता है। इसरो की व्यावसायिक शाखा एंट्रिक्स, भारतीय अंतरिक्ष सेवाओं का विपणन विश्व भर में करती है। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की खास विशेषता अंतरिक्ष में जाने वाले अन्य देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और विकासशील देशों के साथ प्रभावी सहयोग है।

पीडीऍफ़ देखें...
Lesson 16 भारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम
2- जाने ऐसा क्यों- पत्थर तो पानी में डूब जाता है, पर अंडे तैरते रहते हैं.. क्यों ?
3- विज्ञान प्रयोग -वाल्व और पम्प को जानने का प्रयोग

विडियो देखें...
https://www.youtube.com/watch?v=zMtSul0-scw
https://www.youtube.com/watch?v=Ncp5xCi5KY0
https://www.youtube.com/watch?v=MzZ2w8STvDg
https://www.youtube.com/watch?v=SFGUIrvcucY

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